My experience at Tech4Dev Glific + Avni offsite sprint

Originally posted by Sachin Kadam his LinkedIn post

पिछले महीने मुझे  Tech4Dev स्प्रिंट 2022 के बारे में पता चला। उस वक्त मेरी तात्कालिक अपेक्षाएँ सहयोगी कार्य, नेटवर्किंग, सूचना-भरे व्याख्यान और कुछ अच्छा भोजन इससे ज्यादा की तो बिलकुल भी नहीं थी।

       स्प्रिंट के कुछ दो हफ़्ते पहले मैंने पहाड़ों और बादलों से घिरे पुणे से लगभग 73 किमी दूर स्थित हमारे स्थान यानी गरुड़माची को Google किया । उसे देखते ही रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन से काफी मिलते-जुलते इस प्रकल्प ने मुझे काफी प्रभावित किया।और मैंने यहां क्यूबिकल्स से कुछ अधिक सीखने की उम्मीद और बडे उत्साह के साथ  प्रवेश किया ।

   स्प्रिंट के पहले ही दिन, मुझे एहसास हुआ कि मैं जो उम्मीद कर रहा था वह तो सिर्फ शक्तिशाली पहाड़ों की नोक जैसी थी। सामाजिक मुद्दों पर विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 12 संगठनों के प्रतिभागियों और मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रकृति के पास देने के लिए बहुत जादा कुछ था।

   Goolkeep.net के स्वप्निल राणे जी ने पहला सत्र शुरू किया। उन्होंने गैर सरकारी संस्था संस्थाओं के कुशल कामकाज में डेटा के महत्व को सामने रखा। उसके बाद अर्जुन खंडेलवाल जी  ने बताया कि कैसे हमारी ओपन सोर्स अवनि विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रही है। वास्तव में एक बार फिर समन्वय फाउंडेशन का हिस्सा बनकर मै अपने आप पर गर्व महसूस कर रहा था क्योंकि मुझे वहां के लोगों की आंखों में हमारे काम के प्रति प्रशंसा दिखाई दे रही थी।

   लेंड ए हैंड इंडिया, स्लैम आउट लाउड, दसरा, शेल्टर एसोसिएट्स, सॉफ्ट कॉर्नर, गोलकीप, इंडस एक्शन, एडज़ोला, पहले अक्षर फाउंडेशन, की एजुकेशन फाउंडेशन, हाइपरवर्ज एकेडमी, द अपरेंटिस प्रोजेक्ट, वोपा और रीप बेनिफिट जैसे सभी अद्भुत संगठनों के प्रतिनिधियो ने अपने काम, काम मे आने वाली चुनौतियों  और बेहतरीन सामाजिक प्रभाव के लिए संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करने की उनकी योजनाओं को भी साझा किया।

Avni team at Garudmaachi

बाद के दिनों में भी प्रकृति के इतने करीब काम करने और काम कराने पर एक अलग दृष्टिकोण मैने महसूस किया। मैं लगातार इस बारे में सोच रहा था की शिक्षा, शिक्षुता, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण आदि क्षेत्रो में काम करने वाले संगठनों की दशा में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का अधिक प्रभावशाली उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है। बारिश में की हुई छोटी सैर और झील में लगाया हुआ गहरा गोता निश्चित रूप से मुझे नयी तरह से सोचने के लिए ऊर्जा दे गया।

Learnings of Cohort:

सहयोगात्मक कार्य – लोगों के साथ मिलकर काम करने से  मुद्दों को हल करना आसान ही नहीं बल्कि चुनौतियों के साथ एक समृद्ध अनुभव भी दे गया।

सीखने के नये तरीके – बातचीत, साझा करना, चर्चा के साथ-साथ प्रस्तुतीकरण वास्तव में नया सीखने और पुराने ज्ञान को अलग तरह से समझने के प्रभावी तरीके थे।

नेटवर्किंग– समान विचारधारा वाले लोगों के साथ मिलना, उनके काम को जानना, और उनकी कहानियों ने मुझे सामाजिक प्रभाव के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

एर्गोनॉमिक्स– आपके पर्यावरण का आपके कुशल कामकाज मे  बहुत बडा योगदान होता है । गरुड़माची के इतने खूबसूरत और सुखद माहौल में काम करना मेरे लिए बिल्कुल बेहतरीन अनुभव था।

मनोरंजक गतिविधियां– जैसे खेल, कराओके और कहानी साझा करने से मुझे लोगों को गहराई से जानने के साथ ही खुद को समझने का भी मौका मिला।     

       मैं इस तरह की विस्तृत और विचारशील योजना के लिए आयोजकों की सराहना करना चाहता हू | सभी सहायक और साथी प्रतिनिधियों के कारण आसान निष्पादन में सहायता मिली। आप सभी के बिना ये 5 दिन इतने समृद्ध न हो पाते । मैं उम्मीद कर रहा था  कि यह रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन की तरह होगा। उन्होंने अपने  सीखने के  सिद्धांत मेँ प्रकृतिवाद, मानवतावाद, सार्वभौमिकता और यथार्थवाद को महत्व दिया है। सामाजिक प्रभाव के लिए लोगों के साथ काम करना, इस उद्देश्य के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना और प्रकृति के साथ बंधन को फिर से जीवंत करना यह सब मुझे शांतिनिकेतन की याद दिला रहा था ।

यह कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद मुझे अपने बचपन की पाठशाला की एक मराठी कविता याद आ गई l

बिन भिंतीची उघडी शाळा, लाखो इथले गुरू…

झाडे, वेली, पशु, पाखरे,  यांशी गोष्टी करू !

  मैं इस स्प्रिंट से विचारों से भरे मस्तिष्क, कृतज्ञता से भरा मन और खुशी से भरी मेरी आंखों के साथ लौट रहा हूं। आशा है कि हम जल्द ही फिर से मिलेंगे, तब तक के लिए Adiós!!

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